Bihar Antarjatiya Vivah Protsahan Yojana अब अंतरजातीय विवाह करने पर नए विवाहित जोड़े को सरकार देंगे 1,50,000 रूपये का प्रोत्साहन राशि दिया जाएगा।
जैसा की आप जानते हैं की लोग शिक्षित होने के उपरान्त भी वे विवाह करने के लिए अपनी जात में ही पसंद करते हैं जो एक सरकार के लिए समानता की दृष्टि पूरी नहीं हो पाता है। जहां दूसरी जाती में विवाह करने वाले का विरोध किया करते हैं इन सब से बचने के लिए सरकार के द्वारा एक योजना चलाई जा रही है जिसे अंतरजातीय विवाह प्रोत्साहन योजना कहते हैं। इस योजना के जरिए अंतरजातीय यानी की दो भिन्न जाति के लोग को आपस में विवाह करने पर सरकार इस योजना के द्वारा प्रोत्साहित करते हैं। जिसे अंतरजातीय विवाह प्रोत्साहन योजना कहा जाता है। आइए जानते हैं अंतरजातीय विवाह प्रोत्साहन योजना का लाभ कैसे उठाएं और आवेदन कैसे करें?
अंतरजातीय विवाह प्रोत्साहन योजना 2023 बिहार | Antarjatiya Vivah Protsahan Yojana
Antarjatiya Vivah Protsahan Yojana का शुभारंभ बिहार सरकार के द्वारा किया गया है जिसमें दो अलग अलग जाति के लोग आपस में विवाह करने के उपरान्त प्रोत्साहन राशि देकर प्रोत्साहित किया जाता है। अंतरजातीय विवाह करने वाले विवाहिता को कुल 2.5 लाख रुपए की प्रोत्साहित राशि दिया जाएगा जिसके मदद से वे अपने जीवन को पुनः पटरी पर ला सके कई बार ऐसा होता है अंतरजातीय विवाह करने के बाद विवाह करने वाले को घर या समाज से अलग कर दिया जाता है जिसके बाद उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है इस समस्या से बचने और अंतरजातीय विवाह की बढ़ावा देने के लिए सरकार Antarjatiya Vivah Protsahan Yojana के द्वारा नई जोड़ों की सहायता राशि प्रदान करती हैं।
इस योजना का लाभ कई लाभुकों को प्रदान किया गया है और आगे भी इसी प्रकार से करता रहेगा। इस योजना में किसी भी तरह की बदलाव आने पर आपको सूचित किया जाएगा।
अंतरजातीय विवाह प्रोत्साहन योजना का लाभ कैसे लें
अंतरजातीय विवाह प्रोत्साहन योजना का लाभ लेने के लिए नए जोड़े के द्वारा आर्थिक सहायता पाने के लिए प्री स्टांपेड रिसिप्ट 10 रूपये की नॉन ज्यूडिशियल स्टांप पेपर पर जमा करने होगें। जिसके बाद उन्हें 1.5 लाख रुपए उनके खाते में भेज दीए जाते हैं बाकी के एक लाख रूपये बचे हुए राशि को 3 साल के लिए FD करा दीए जाते हैं। 3 साल पूरा होने पर फिक्स्ड की हुई राशि और उसपर दिए गए ब्याज की राशि को लाभुक के खाते में भेज दीए जाते हैं।इस तरह की लाभ समाज को सोच बदलने और जात पात को खत्म करने के लिए दिया जाता है।
अंतरजातीय विवाह प्रोत्साहन योजना का उद्देश्य
इस योजना का मुख्य उद्देश्य अंतरजातीय विवाह को प्रोत्साहित करना है जिससे पिछड़े वर्ग के लोग समानता का भाव दिया जा सके। लड़का या लड़की दोनो में किसी एक पिछड़े वर्ग के और दूसरा गैर पिछड़ी जाति होने के उपरान्त अंतरजातीय विवाह प्रोत्साहन योजना का लाभ लिया जा सकता है। इस योजना के द्वारा समाज और जाति के लेकर असमानता और भेद भाव को दूर करना भी है और विवाह करने की पूरी स्वतंत्रता हो चाहे वह किसी भी धर्म या जाति में अपना विवाह करना चाहते हो।
अंतरजातीय विवाह प्रोत्साहन योजना के द्वारा लोग और समाज में बदलाव देखने को मिल सकता है और अंतरजातीय सामूहिक विवाह करने वाले दंपती को तुरंत 25,000 रुपए देकर प्रोत्साहित किया जाता है।
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अंतरजातीय विवाह प्रोत्साहन योजना का लाभ
- इस योजना का शुभारंभ बिहार सरकार के द्वारा वर्ष 2013- 2014 में ही किया गया था जो मात्र दो साल के लिए इस योजना को लाया गया था।
- इस योजना के द्वारा लाभुक को आवेदन करने के उपरान्त 1.5 लाख रुपए देकर प्रोत्साहित किया जाता हैं
- अंतरजातीय विवाह प्रोत्साहन योजना का मुख्य लाभ समाज की अंतरजातीय विवाह के प्रति सोच की बदलना है।
- इस योजना से लोगों को समानता की दृष्टि प्रदान किया जाएगा।
- अंतरजातीय विवाह करने के बाद होने वाले कठिनाई को कम किया जा सकता है।
- अंतरजातीय विवाह प्रोत्साहन योजना के दौरान नए विवाह किए जोड़े को आर्थिक सहायता प्राप्त होगा।
- जिससे वे अपने जीवन यापन के लिए जरूरत के वस्तुओं को खरीद सकते हैं।
- अंतरजातीय विवाह प्रोत्साहन योजना के अंतर्गत लाभ प्राप्त करने वाले को कुल 2.5 लाख रुपए की राशि प्रोत्साहित किया जाता है।
अंतरजातीय विवाह प्रोत्साहन योजना के लिए पात्रता
इस योजना का लाभ उठाने के लिए कुछ मानकों को पूरा करने की आवश्यकता होती है।
- जिस भी राज्य में संचालित इस योजना का लाभ लेने है उसी राज्य का नागरिक होना अनिवार्य है जैसे की बिहार अंतरजातीय विवाह प्रोत्साहन योजना का लाभ लेने के लिए बिहार की स्थाई निवासी होना चाहिए।
- Antarjatiya Vivah Protsahan Yojana का लाभ उठाने के लिए लड़का या लड़की (जिसे पति पत्नी से भी संबोधित किया जा सकता है) में से कोई एक अनुसूचित जाति से होना चाहिए और दूसरा गैर अनुसूचित जाति से होना चाहिए तभी इस योजना का लाभ ले पाएंगे।
- विवाहित जोड़े के द्वारा विवाह का एक एफिडेविट भी दिखाने होंगे। और यह विवाह हिंदू मैरिज एक्ट 1955 के द्वारा रजिस्टर्ड होनी चाहिए।
- इसके अलावा अगर हिंदू मैरिज एक्ट 1955 में रजिस्टर्ड नही होने के उपरान्त मैरिज सर्टिफिकेट भी जमा कर सकते हैं।
- विवाह के एक साल के अंदर इस योजना के लिए आवेदन करने होगें।
- इस योजना का लाभ केवल एक ही बार प्राप्त किया जा सकता है और वह भी सिर्फ पहली शादी पर ही इस योजना का लाभ दिया जाएगा।
देने होंगे ये दस्तावेज
अंतरजातीय विवाह प्रोत्साहन योजना का लाभ लेने के लिए निम्न दस्तावेजों को जमा कराने होगें।
- आधार कार्ड या पहचान पत्र
- मैरिज सर्टिफिकेट
- शादी का फोटो
- शादी का कार्ड अगर हो तो
- जाति प्रमाण पत्र
- निवास प्रमाण पत्र
- आयु प्रमाण पत्र
- आय प्रमाण पत्र
- मोबाइल नंबर
- बैंक खाता नंबर
- पासपोर्ट साइज फोटो
अंतरजातीय विवाह प्रोत्साहन योजना का आवेदन कैसे करें?
- Antarjatiya Vivah Protsahan Yojana फॉर्म Apply करने के लिए सबसे पहले अंचल कार्यालय या ब्लॉक से जाकर अंतरजातीय विवाह प्रोत्साहन योजना का फॉर्म लेने होगें।
- फॉर्म प्राप्त करने के बाद मांगी गई जानकारी भरने के साथ निम्न बताए गए दस्तावेज को संलग्न करने होगें।
- पति पत्नी के हस्ताक्षर के साथ इस फॉर्म को अंचल कार्यालय या ब्लॉक में जमा कराएं।
- जहां कुछ जांच प्रक्रिया के बाद प्रोत्साहन की राशि लाभुक के खाते में भेज दीए जाते हैं।
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निष्कर्ष: अंतरजातीय विवाह प्रोत्साहन योजना
बिहार अंतरजातीय विवाह प्रोत्साहन योजना इस योजना के द्वारा नई अंतरजातीय विवाह करने वाले विवाहित को प्रोत्साहन राशि देकर प्रोत्साहित किया जाता है। जिसमें उन्हें कुल 2.5 लाख रुपए सहायता राशि दिया जाता है। आपने जाना की Antarjatiya Vivah Protsahan Yojana Kya Hai? अंतरजातीय विवाह प्रोत्साहन योजना का आवदेन कैसे करें? तथा अंतरजातीय विवाह प्रोत्साहन योजना का लाभ जिसे बेहद सरल तरीके से बताए गए हैं।
अंतरजातीय विवाह प्रोत्साहन योजना से जुड़े किसी भी प्रकार की प्रश्न या सुझाव है तो हमें जरूर बताएं हमे आपके प्रश्नों को हल करने में खुशी होगी।