
पशु सखी क्या है? पशु सखी की सैलरी कितनी होती है? पशु सखी कैसे बने? इन सवालों को जानने के लिए पढ़े की Pashu Sakhi Kya Hai? पशु सखी के लाभ और सुविधा
स्वयं सहायता समूह की मदद से सरकार ग्रामीण महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने का कार्य कर रहे हैं और महिलाएं भी इस तरह की योजनाओं में बढ़ चढ़ कर हिस्सा लें रहे हैं और महीने के घर बैठे या अपने गांव से ही ₹6000 से ₹10,000 रुपए तक कमाई कर पा रही हैं। ग्रामीण महिलाएं जो थोड़ी बहुत भी शिक्षित हैं वे इस तरह की लाभ ले सकते हैं, पशु सखी के कार्य क्या होते हैं और इनके उद्देश्य क्या है इन सभी जानकारी को प्राप्त करने के लिए इस आर्टिकल को पूरा जरूर पढ़ें। चलिए जानते हैं कि पशु सखी क्या है? और इसका क्या कार्य है?
पशु सखी क्या है?
पशु सखी क्या है? स्वयं सहायता समूह के द्वारा चयनित महिला प्रतिनिधि जो ग्रामीण क्षेत्र की पशुओं की देख भाल, दवाई, पोषण संबधी जानकारी और नियमित स्वास्थ्य परीक्षण, टीकाकरण, प्राथमिक उपचार में मदद करती हैं वे पशु सखी कहलाते हैं पशु सखी का मुख्य कार्य अपने ग्रामीण क्षेत्रों में दुधारू पशुओं के पंचायत या ब्लॉक स्तर पर सर्वे कर पशुओं की स्वास्थ संबंधी जानकारी लेना है और किसी भी तरह की त्रुटि पाए जाने पर तुरंत निदान करना और पालन पोषण संबधी जानकारी प्रदान करना है।
पशु सखी योजना का विवरण
योजना का नाम | पशु सखी योजना |
लाभुक | ग्रामीण महिलाएं |
वेतन | ₹6,000 प्रति माह |
कार्यक्षेत्र | पंचायत या ब्लॉक |
उद्देश्य | पशुपालकों को विशेष रूप से पशु चिकित्सा और पालन पोषण की जानकारी प्रदान करना |
पशु सखी की मुख्य उद्देश्य
पशु सखी योजना के अंतर्गत महिलाओं और लाभुकों को ध्यान में रखकर ग्रामीण क्षेत्र के महिलाओ को आर्थिक रूप से मजबूत बनाना है। पशु सखी का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में पल रहे पशुओं की स्वास्थ संबंधी जानकारी प्रदान करना है साथ ही उनका विशेष रूप से ख्याल रखने की प्रशिक्षण किसान भाइयों को दिया जाता है। खासकर उनके लिए यह काफी फायदेमंद हैं जो महीलाओं पशु पालन कर अपना जीवन यापन कर रहे हैं वैसे महिला को सीधे मदद किया जाता है। समय समय पर लगने वाले टीका, बीमारियों से बचने के लिए सरकार के द्वारा संचालित योजनाओं के अंतर्गत दी जानेवाली लाभ को ग्रामीण किसानों तक पशु सखी पहुंचाती है।
पशु सखी अपने कार्यक्षेत्र में घर घर जाकर पशुओं की जांच और उन्हें रखने की व्यवस्था की जांच करती है जिसके बाद जरूरत के अनुसार मदद प्रदान करती हैं।
पशु सखी का चयन कैसे होगा?
पशु सखी का चयन उत्तराखंड पशु सखी योजना के अंतर्गत स्वयं सहायता समूह के द्वारा चयन किया जाएगा। पशु सखी का चयन प्रक्रिया की शुरूआत स्वयं सहायता समूह की वियो और सचिव के द्वारा किया जाता है जो यह तय करते हैं की कौन सा सदस्य इसके पात्र हैं।
इन प्रक्रिया के बाद महिला का लिखित परीक्षा में उत्तीर्ण होने के बाद इंटरव्यू लिया जाता है। इन दोनो परीक्षा में सफल महिला को पशु सखी के लिए चयन किया जाएगा।
चयनित महिला प्रतिनिधि को पशु सखी का प्रशिक्षण भी दिया जाता है जिसमें पशु सखी योजना के अंतर्गत पशुओं की स्थिती और उनकी स्वास्थ्य के साथ कार्य करने की जानकारी प्रदान किया जाता है।
पशु सखी बनने के लिए योग्यता
पशु सखी बनने के लिए निम्न योग्यता होना अनिवार्य है जिसके बाद आप पशु सखी के उम्मीदवार के रुप में आवेदन कर सकते हैं।
- पशु सखी बनने के लिए सिर्फ महिला प्रतिनिधि को ही चयन किया जाएगा।
- इच्छुक उम्मीदवार का उम्र 20 वर्ष से 40 वर्ष के बीच होनी चाहिए।
- महिला उम्मीदवार को पशुपालन की जानकारी होनी चाहिए।
- पशु सखी बनने के लिए इच्छित महिला उम्मीदवार को कम से कम 8वीं तक पढ़ी होनी चाहिए।
- पशु सखी बनने के लिए उम्मीदवार के पास जरूरी कागजात होनी चाहिए जैसे की आधार कार्ड, बैंक अकाउंट, फोटो और मोबाइल नंबर इन सभी पात्रता होने के बाद पशु सखी बनने के लिए आवेदन कर सकते हैं।
पशु सखी बनने के लिए आवश्यक दस्तावेज
- आधार कार्ड
- पैन कार्ड या वोटर कार्ड
- पासपोर्ट साइज फोटो
- मूल निवास प्रमाण पत्र
- आय प्रमाण पत्र
- शैक्षणिक योग्यता प्रमाण पत्र
- मोबाइल नंबर
- बैंक अकाउंट नंबर
पशु सखी का वेतन कितना होता है?
पशु सखी के लिए चयनित महिला प्रतिनिधि को मासिक वेतन ₹6000 देने का प्रावधान है। पशु सखी की कार्यक्षेत्र उनके अपने पंचायत या ब्लॉक भर में ही होते हैं। पशु सखी का मानदेय स्वयं सहायता समूह से जुडी महिला सदस्य को ₹6000 रूपये प्रति माह तय किया गया है।
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पशु सखी का क्या काम होता है? | पशु सखी के कार्य
पशु सखी का प्रशिक्षण पूरी होने के बाद पशु सखी को पशुपालकों से सीधी संपर्क कर उनके गतिविधियों का आकलन करना मुख्य कार्य है। पशुपालकों को पशु सखी के द्वारा पशु पालन संबंधी योजना से जुडे लाभों को मुहैया कराया जाएगा।
पशुपालकों से पशु की सर्वेक्षण कर उनका संख्या आकलन कर उनको सही से ख्याल रखने के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा जिससे पशु में होनेवाले बीमारियो से पशु की मृत्यु दर में कमी लाया जा सके।
समय समय पर पशु की परीक्षण कर उनका स्वास्थ्य संबंधी जांच और टीके उपलब्ध कराया जाएगा।
पशु पालकों को दूध वृद्धि और पशु पालन के द्वारा ज्यादा मुनाफे कमाने के लिए किसानों को प्रशिक्षण किया जाएगा।
पशुओं में होनेवाले आम बीमारियों को पहचान कर उनका सीघ्र उपचार कराना पशु सखी का कार्य है।
पशु सखी योजना के लाभ
पशु सखी योजना के द्वारा सीधे तौर पर लाभ ग्रामीण महिलाओं और पशुपालकों को मिलेगा।पशु सखी के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्र के महिला जो स्वयं सहायता समूह की सदस्य हैं उन्हें रोजगार दिया जाएगा।
पशु सखी योजना के द्वारा पशुपालकों को सीधे तौर पर पशु उपचार प्रदान किया जाएगा जिससे पशु की मृत्यु दर में कमी हो।
पशु सखी योजना के माध्यम से पशुपालकों को पशु पालन संबंधी प्रशिक्षण दिया जाएगा।
Pashu Sakhi Yojana के द्वारा ग्रामीण महिलाएं आत्मनिर्भर और सशक्त बन पाएंगे
पशु सखी योजना के द्वारा महिला आर्थिक रूप से स्वतंत्र हो पाएंगे जिससे वे अपने परिवार की विकास में योगदान दे पाएंगे।
इस योजना के अंतर्गत आनेवाले क्षेत्र में इसका लाभ मिलना शुरू हो चुका है जल्द ही इसका लाभ भारत के सभी जगह मिलना शुरू किया जाएगा।
पशु सखी योजना के द्वारा पशुपालक मुफ्त में पशु संबंधी सलाह ले सकते हैं।
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निष्कर्ष: पशु सखी क्या है?
पशु सखी क्या है? पशु सखी के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान किया गया है जिनमें पशु सखी के कार्य और पशु सखी के वेतन की जानकारी दिया गया है। पशु सखी योजना के माध्यम से पशुपालकों को सीधे तौर पर लाभ और सुविधा प्रदान किया जाएगा जिससे पशुपालकों को ज्यादा से ज्यादा आर्थिक लाभ मिल सके,
पशु सखी का चयन स्वयं सहायता समूह के द्वारा चलाई जानेवाली योजना है जिसकी माध्यम से ग्रामीण महिलाओं को रोजगार देने की प्रयास किया जा रहा है। पशु सखी क्या है और कैसे काम करती है? पशु सखी योजना है जिससे ग्रामीण महिलाएं आर्थिक और सामाजिक रूप से सशक्त बन सके। स्वयं सहायता समूह के द्वारा कई तरह की महिलाओं को रोजगार दिया जाता है जिसमें से एक पशु सखी है।
पशु सखी क्या है? इससे जुड़े किसी भी प्रकार की प्रश्न या सुझाव है तो हमें जरूर बताए हमें आपके प्रश्नों को हल करने में खुशी मिलेगी।
FAQ: पशु सखी क्या है?
1. पशु सखी किसे कहते हैं?
- पशु सखी योजना के द्वारा पशु सखी ग्रामीण क्षेत्रों में दुधारू पशुओं को चिकित्सा और पालन पोषण संबधी जानकारी पशुपालकों को प्रदान करती है।
2. पशु सखी की सैलरी कितना मिलता है?
- पशु सखी का मानदेय ₹6,000 रूपये प्रति माह है, पशु सखी का कार्यक्षेत्र नजदीकी पंचायत या ब्लॉक स्तर की गांव होते हैं।
3. पशु सखी के क्या क्या लाभ हैं?
- पशु सखी योजना से कई तरह की लाभ हैं जैसे की महिलाओं को रोजगार मिलना, पशुपालकों की पशु पालन में सुविधा मिलना, महिला को आर्थिक स्थिति में सुधार होने के साथ साथ पशुपालकों को भी पहले के तुलना में ज्यादा मुनाफा होती है।
4. पशु सखी कौन बन सकता है?
- पशु सखी बनने के लिए ग्रामीण क्षेत्र में किसी भी संचालित स्वयं सहायता समूह की सदस्य होनी चाहिए और इच्छुक महिला कम से कम 8वीं पास होनी चाहिए साथ ही वे जिस भी राज्य में यह योजना के अंतर्गत पशु सखी की चयन किया जा रहा हो वे उसी राज्य की निवासी होना चाहिए।
5. पशु सखी क्या काम करती है?
- पशु सखी का मुख्य कार्य अपनी क्षेत्र या कार्यक्षेत्र में पशुपालकों से सीधी संपर्क कर पशुओं की स्वास्थ स्थिती का सर्वेक्षण करना तथा पशु चिकित्सा उपलब्ध कराना है इसके अलावा पशु पालन द्वारा कैसे पैसे कमाया जा सकता है इसकी भी जानकारी किसानों को मुहैया कराती है।
6. क्या पशु सखी की नौकरी सरकारी है?
- पशु सखी का चयन सरकार द्वारा संचालित स्वयं सहायता समूह के द्वारा किया जाता है, पशु सखी योजना है जिसमें महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने का प्रयास किया जा रहा है, पशु सखी योजना के द्वारा चयनित महिला को सैलरी भी दिया जाएगा साथ ही शुरुआती दिनों में प्रशिक्षण भी दिया जाएगा जिसके बाद प्रशिक्षित पशु सखी स्वतंत्र रूप से पुरी जानकारी के साथ कार्य कर सके।
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