स्वयं सहायता समूह सखी क्या है? लोन, लाभ, इसके सदस्यों की वेतन जानकर हैरान हो जाएंगे

महिलाओं की समूहों के जरिए जीविका का संचालित किया जाता है, आइए जानते हैं की स्वयं सहायता समूह सखी क्या है? तथा इसमें मिलने वाली लाभों की जानकारी प्राप्त कर इसे और बेहतर तरीके से समझने की प्रयास करेंगे.

भारत सरकार की तरफ से चलाई जा रही महिलाओं के लिए योजना में से एक बहुउपयोगी योजना में से एक है स्वयं सहायता समूह जिसे जीविका भी कहा जाता है। जो ग्रामीण क्षेत्र के महिलाओं को पैसों को संचित और इसे सही से उपयोग करने के साथ इसमें आर्थिक सहायता भी प्रदान किया जाता है।

 

आइये इसे विशेष रूप से जानते हैं की स्वयं सहायता समूह किसे कहते हैं? जीविका क्या है? swaym Sahayta Samuh kya hai? स्वयं सहायता समूह सखी क्या है?

स्वयं सहायता समूह सखी क्या है? सदस्यों की वेतन कितना है? लोन कैसे देते हैं?
स्वयं सहायता समूह सखी क्या है? लोन, लाभ, इसके सदस्यों की वेतन जानकर हैरान हो जाएंगे

 

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2 समूह सखी कैसे बने?

स्वयं सहायता समूह सखी क्या है?

ग्रामीण क्षेत्र की 10 से 12 महिलाओं के जरिए एक स्वयं सहायता समूह की गठन किए जाते हैं, जिसे दुसरे भाषा में जीविका भी कहा जाता है। जिसमें एक अध्यक्ष, कोषाध्यक्ष और तीन से चार महिलाओं को सचिव के रूप में चुने जाते हैं। स्वयं सहायता समूह के हर एक सदस्य को ही समूह सखी कहा जाता है, उनमें दिए जानेवाले योजनाओं की लाभ तथा जानकारी प्राप्त करने की पूरी आजादी होती है वह कभी भी सामूहिक बैठक के दौरान अपनी समस्याओं के हल पाने के सवाल जबाव हर एक सखी से कर सकती है चाहे वह आर्थिक हो किसी एनी प्रकार की सहायता पाने के लिए अग्रसर हों।

विस्तार से जानते हैं की स्वयं सहायता समूह सखी क्या है? स्वयं सहायता समूह का गठन राष्ट्रीय आजीविका मिशन भारत सरकार द्वारा ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं की आर्थिक स्थिति को मजबूत बनाने के लिए एवं महिलाओं में बचत की आदत को विकसित करने तथा रोजगार के अवसर प्रदान करने के लिए किया जाता है। जिसके मदद से पिछड़े हुए महिलाओं और उनके बच्चे को आगे आने की मौका प्रदान किया  जाता है।

समूह सखी कैसे बने?

अगर आप समूह सखी की हिस्सा या सदस्य बनना चाहतें हैं तो अपने गाँव या ब्लॉक इसके अलावा पंचायत स्तर पर चल रहे स्वयं सहायता समूह से मिलकर आप अपना सदस्यता लें सकते हैं इसके लिए कुछ जरूरी दस्तावेज की जरूरत पड़ती हैं, जो की निम्न रूप से दर्शाया गया है।

  • आधार कार्ड
  • फोटो
  • पासबुक
  • पैन कार्ड
इसकी सदस्यता प्राप्त करने के लिए निम्न दस्तावेज लेकर स्वयं सहायता समूह के अध्यक्ष से मिलकर ये सारे दस्तावेज जमा करने होंगे उसके बाद आपको उस समूह की सदस्यता मिल जाती है, ( अध्यक्ष क्या होती है? इसके बारे में भी आगे बताया गया है ) इसके बाद आप भी नियत समय या दिन जो समूह के तरफ से चुने होते हैं उस दिन को उपस्थित होकर आप भी अपनी कार्य या लाभ प्राप्त कर सकते हैं।

 

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समूह सखी को क्या-क्या लाभ मिलते हैं?

स्वयं सहायता समूह सखी क्या हैं? इनको दिए जानेवाली लाभ समूह सखी को राष्ट्रीय आजीविका मिशन के तहत कई तरह के लाभ दिए जातें हैं जिनमे उन्हें जरूरत के समय या आपातकालीन स्थिति में उन्हें आर्थिक रूप से सहायता किए जातें हैं जिनमें उन्हें बैंकों से कम ब्याज दर पर लोन मुहैया कराया जाता है जिसे किस्तों या एक बार अपने स्थिति के अनुसार जमा करने की छुट प्रदान किया जाता है। इसके अलावा इन्हें राहत सामग्री के साथ राशन पानी भी मुहैया कराया जाता है जिसका मूल राशि स्थिति को सुधार होने के उपरांत देने की नियम होते हैं।

अब जानते हैं

स्वयं सहायता समूह के मुख्य सदस्य की वेतन और उनके कार्य क्या होते हैं?

 

1. समूह सखी

स्वयं सहायता समूह के सदस्य को ही समूह सखी कहा जाता है, और इन्हें अध्यक्ष और कोषाध्यक्ष के सुझाए गए निर्देशों को पालन करना होता है। जो उनके लाभ और उनकी विकास से जुड़े योजनाओं के बारे में जानकारी देते हैं।

समुह सखी यानी की आजीविका सखी के नाम से भी जानी जाती है इनका मुख्य कार्य स्वयं सहायता समूह को संचालन करने में मदद करना होता है। आगामी बैठक या जरूरी सूचनाओं को समूह के अन्य सदस्यों तक पहुंचाना इनका मुख्य काम होता है।

समुह सखी का वेतन स्वयं सहायता समूह सखी में नियुक्त महिला को वेतन के आधार पर ₹15,00 से ₹6,000 रूपये प्रति महीना वेतन मानदेय होता है।

 

2. अध्यक्ष: स्वयं सहायता समूह में अध्यक्ष का कार्य

स्वयं सहायता समूह की अध्यक्ष की मुख्य कार्य यह होता है की अपने समूह की नियमित रूप से बैठक का संचालित करना और नए योजनाओं और लाभ की जानकारी समूह सखी को देना और उनके विकाश की नियमित रूप से आकलन करना मुख्य कार्य होता है।

 

स्वयं सहायता समूह में अध्यक्ष का वेतन कितना होता है?

स्वयं सहायता समूह में अध्यक्ष का वेतन महीने का 10,000 से 15,000 रूपए प्रतिमाह वेतन मानदेय होता है। जो उनके समय के अनुसार इसमें बढ़ोतरी का आसार होता है।

 

3. कोषाध्यक्ष : स्वयं सहायता समूह में कोषाध्यक्ष का कार्य एवं योग्यदान

किसी भी स्वयं सहायता समूह की कोषाध्यक्ष को मुख्य अंग माना जाता है जिसके पास स्वयं सहायता समूह की योजनाओं के जरिए आवंटन किए गए राशि व खर्च की लेखा जोखा उपलब्ध होते हैं और वे बराबर अपने स्वयं सहायता समूह की समूह सखियों को योजनाओं के रूप में मिलने वाले आर्थिक सहायता को प्रदान करना इनका मुख्य कार्य होता है। इसके आलावा बाकी सदस्यों के साथ मिलकर समुह को संचालित करना भी मुख्य कार्य होता है। आपने देखा की स्वयं सहायता समूह सखी क्या है? और इनमें कौन कौन से सदस्यों की आवश्यकता होती है।

 

4. स्वयं सहायता समूह सचिव का क्या कार्य होता है?

जैसा की आपने बाकी सदस्यों के कार्य और योगदान के बारे में जाना ठीक वैसे ही जानते हैं स्वयं सहायता समूह की सचिव क्या काम करते हैं? तथा इनका क्या योगदान होता है? स्वयं सहायता समूह सचिव का मुख्य रूप से कार्य होता है अपने आस- पास के समूह सखी के परेशानी के हल करने की प्रयास करना, उन्हें किस प्रकार से मदद की जरूरत हो उसी प्रकार से उनके मदद प्रदान की जाए, इसके अलावा अध्यक्ष और कोषाध्यक्ष  के कार्यों की जायजा लेना और उनके कामों में मदद करना आदि इनका काम होता है।

 

 

स्वयं सहायता समूह के सदस्यों की वेतन कितना होता है?

वैसे तो सभी सदस्यों को सरकार से किसी भी प्रकार की वेतन की सुविधा प्रदान नहीं किया जाता है लेकिन कुछ प्रमुख सदस्य जैसे की अध्यक्ष और कोषाध्यक्ष को इनके जीविका चलाने के लिए इन्हें वेतन के रूप में ₹7000 से ₹9000 रुपए मासिक वेतन प्रदान किया जाता है।

 

स्वयं सहायता समूह में कितने पैसे मिलते हैं?

स्वयं सहायता समूह की गठन 3 महीना होने के उपरांत समूह को ₹1500 रूपए दिया जाता है। इसके बाद समुह गठन के 6 महीने होने पर ₹15,000 रूपए दिए जाते हैं। फिर ग्रामीण महिलाओं को कई तरह की लोन मुहैया कराया जाता है। जिसमें राहत कोष लोन, रोजगार लोन, जीविका या अपातकालीन लोन दिए जाते हैं।

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स्वयं सहायता समूह के फायदें

जैसा की आपने जाना की स्वयं सहायता समूह सखी क्या है? और इनके मुख्य कार्यों के बारे में जानकारी प्राप्त किया। अब जानते हैं कि स्वयं सहायता समूह के क्या फायदे हैं जो सदस्यों को जीविका चलाने में किन किन सुविधाएं प्रदान किया जाता है। आइए जानते हैं स्वयं सहायता समूह सखी क्या है? और इनके मुख्य फायदे-

  • स्वयं सहायता समूह के फायदें में से सबसे मुख्य फायदा यह है की इसके माध्यम से ग्रामीण महिला को वित्तिय समझ में बढ़ोतरी होती है तथा वे अपने परिवार के जीविका के बारे में अच्छे से समझ पाते हैं।
  • दुसरी फायदा यह है की स्वयं सहायता समूह में हर एक सदस्यों को एक बचत खाता खोला जाता है जिसमें साप्ताहिक कुछ निर्धारित राशि जमा किए जाते हैं, जिसे सदस्यों को पुरी आजादी होती है की जमा राशि को अपने जरूरत के समय पर निकाल सकती है।
  • स्वयं सहायता समूह के माध्यम से कई तरह की रोजगार भी प्रदान किए जाते हैं जो खासकर समुह के सदस्यों के लिए होते हैं, जिसे जीविका के सदस्यों के द्वारा नौकरी का लाभ लिया जा सकता है।
  • सहायता समूह के माध्यम से दी जाने वाली नौकरियां ग्रामीण क्षेत्र के लिए ही होती हैं और उन्हे कार्य भी अपने ग्राम या पंचायत स्तर पर करने होते हैं कुल मिलाकर बात किया जाए तो घर से ही नौकरी कर सकते हैं।
  • स्वयं सहायता समूह के जरिए महिलाओं को कई तरह की प्रशिक्षण भी दिए जाते हैं जिनमें सिलाई, कढ़ाई, लघु उद्योग इत्यादि रोजगार की प्रशिक्षण प्रदान किए जाते हैं। स्वयं सहायता समूह सखी क्या है? और इसके और भी कई फायदें हैं।
  • आर्थिक रूप से कमजोर महिला जो किसी भी तरह की रोजगार करना चाहते हैं उनके लिए स्वयं सहायता समूह से रोजगार लोन भी दिया जाता है। जिसके माध्यम से आर्थिक सहायता लेकर रोजगार की शुरूआत किया जा सकता है।
  • स्वयं सहायता समूह के जरिए सदस्यों की परिवार का भी पूरा ख्याल रखा जाता है, ग्रामीण क्षेत्र में बाढ़ या सुखाड़ जैसी हालातों में उन्हे अनाज और राहत सामग्री प्रदान करना स्वयं सहायता समूह की जिम्मेवारी होती है।
  • नियमित बैठक के जरिए समूह के हर सदस्यों की राय और परेशानी की समीक्षा किया जाता है इसी दौरान किसी सदस्य को आर्थिक सहायता की जरूरत होने पर आपसी सहमति के बाद सहायता प्रदान किया जाता है।
  • स्वयं सहायता समूह के जरिए बेहद कम ब्याज दर पर लोन उपलब्ध कराया जाता है जिसका वसुली का स्वतंत्र समय दिया जाता है।
  • समय के अनुसार स्वयं सहायता समूह के जरिए कई तरह की कार्यक्रम की संचालन किया जा रहा है जिससे ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं को ज्यादा से ज्यादा रोजगार दिया जा सके।
  • स्वयं सहायता समूह सखी क्या है? और इसके कितने फायदें हैं इसकी जानकारी विस्तारित रूप से बताया गया है। इसकी मुख्य फायदा यह भी है की स्वयं सहायता समूह की गठन के दौरान ही कम से कम 4 महिला सदस्य को रोजगार दिया जाता है।
  • एक समुह में 10 से 12 महिला को मिलाकर एक समुह का गठन किया जाता है उसी प्रकार एक गांव में अगर 5 स्वयं सहायता समूह की संचालन किया जा रहा है तो प्रत्येक गांव में कम से कम 20 महिला को रोजगार प्राप्त हो जाता है।

 

FAQ: स्वयं सहायता समूह सखी क्या है?

1. महिला समुह में क्या क्या मिलता है?

स्वयं सहायता समूह की तरफ से ग्रामीण महिला को अनेकों तरह की लाभ दिए जाते हैं। शिक्षित महिलाओं के लिए नौकरी भी दिए जाते हैं तथा असहाय और जरूरतमंद महिलाओं के लिए स्वयं सहायता समूह की तरफ से लोन की सुविधा प्रदान किया जाता है जिसके माध्यम से वे अपने जीवन यापन के लिए कोई रोजगार की शुरूआत किया जा सकता है। इन सब के अलावा आपातकाल स्थिति में राशन आदि भी दिया जाता है। जो ग्रामीण क्षेत्रों में बाढ़ या सुखाड़ होने की स्थिति में दिया जाता है।

 

2. स्वयं सहायता समूह से आप क्या समझते हैं?

स्वयं सहायता समूह की अर्थ यही होता है की अपनी सहायता आपस में मिलजुल कर किया जाता है और स्वयं सहायता समूह की उद्देश्य भी यही है की ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओ की समूह के द्वारा उनकी आपस की जीवन यापन में आने वाले समस्या का समाधान वे एक बैठक के दौरान कर सके जिसके लिए स्वयं सहायता समूह की कई तरह की योजनाएं उनके सहायता के लिए ही बनाए गए हैं। इससे पहले भी बताया गया की स्वयं सहायता समूह सखी क्या है? और कैसे काम करता है? इन निम्न जानकारी को ध्यान से पढ़ें।

 

3. स्वयं सहायता समूह में कितने ब्याज पर लोन दिया जाता है?

स्वयं सहायता समूह में लोन 8% से 12% की ब्याज दर पर लोन मुहैया कराया जाता है। इन ब्याज दरों में स्थिति और जरूरत के अनुसार कम या ज्यादा देखने को मिल सकता है। ब्याज दर में लोन चुकाने के उपरांत सब्सिडी के तौर पर लोन के कुछ हिस्सा माफ किया जाता है।

 

4. समुह में लोन लेने के लिए क्या किया जाता है?

वैसे तो स्वयं सहायता समूह में समूह के सदस्यों को अध्यक्ष के माध्यम से लोन दिया जाता है। लेकीन अब स्वयं सहायता समूह की आधिकारिक वेबसाइट nrlm.gov.in के माध्यम से सारी शर्तों को पुरी करते हुए लोन लिया जा सकता है।

 

5. स्वयं सहायता समूह के 5 सूत्र कौन कौन से हैं?

स्वयं सहायता समूह सखी क्या है? और ये कितने सूत्रों को पालन करते हैं?- स्वयं सहायता समूह 5 सूत्रों को पालन करते हैं जिनमें ये पांच सूत्र हैं- 1. समुह की नियमित बैठक करना, 2. समुह की बचत नियमित रूप से जमा करना, 3. लेखा वाहियों को सही से संयोजित करना, 4. सदस्यों के मांग के आधार पर उन्हें ऋण उपलब्ध कराना और 5. दिए गए ऋण को चुकाना. यही मुख्य समुह के 5 सूत्र हैं।

 

6. समुह से पैसा कैसे निकलता है?

स्वयं सहायता समूह से पैसा चाहे वह ऋण का हो या कोई योजना की राशि को निकालने के लिए सभी मुख्य सदस्यों की इच्छा होना अनिवार्य होता है तथा बैंक में इन सभी का हस्ताक्षर लेने के बाद ही समुह से पैसा निकलता है।

 

7. स्वयं सहायता समूह की रजिस्टर कैसे बनता है?

स्वयं सहायता समूह की रजिस्ट्रेशन प्रक्रिय होने के उपरांत जीविका को चलाने के लिए कुछ रजिस्टर बनाने होते हैं जिनमें कुल 12 सदस्यों के बारे में विवरण इसके अलावा दो रजिस्टर ऐसे भी होते हैं जिनमें ऋण वितरण और वसुली की जानकारी लिखा जाता है। इसके साथ साप्ताहिक सदस्यों के द्वारा जमा राशि विवरण की रजिस्टर बनानी होती है।

 

8. स्वयं सहायता समूह की स्थापना कब हुआ था?

स्वयं सहायता समूह की स्थापना 1970 में गरीबी उन्मूलन और महिला सशक्तिकरण के लिए बनाया गया था।

 

9. स्वयं सहायता समूह का निर्माण कौन करता है?

ग्रामीण क्षेत्रों की 10 से 12 महिला स्वयं सहायता समूह की निर्माण कर सकती है जिसके लिए ब्लॉक स्तर में स्वयं सहायता समूह की अध्यक्ष के साथ बैठक कर नए समूह की गठन किया जा सकता है जिनमें जीविका के नामकरण और रजिस्ट्रेशन भी कराने होते हैं।

इसके अलावा स्वयं सहायता समूह की सर्वेक्षण के दौरान ऐसे क्षेत्रों की चयन किया जाता है जिस क्षेत्र में जीविका का संचालन ना हो रहा हो या ऐसे आस पास की पंचायत सखी का गठन करना हो जिसमें स्वयं सहायता समूह की कमी हो रहा हो उस स्थिति में ग्रामीण क्षेत्र की महिलाएं की मदद से स्वयं सहायता समूह की निर्माण किया जा सकता है। जैसा की समझ रहें होंगे की स्वयं सहायता समूह सखी क्या है?

 

10. गरीबों के लिए स्वयं सहायता समूह के चार फायदें क्या हैं?

गरीबों के लिए स्वयं सहायता समूह में अनेकों तरह के फायदें हैं लेकिन मुख्य रूप से स्वतंत्र ऋण प्रदान किया जाता है, और आपातकाल स्थिति में गरीबों को भरपूर सहायता किया जाता है तथा गरीब परिवारों को मनरेगा जैसी रोजगार सुविधाएं भी उपलब्द कराती है अंत में एक फायदा यह भी है की स्वयं सहायता समूह के माध्यम से ग्रामीण परिवार को जीविका चलाने के लिए रोजगार के साथ स्वरोजगार स्थापित करने में भी भरपूर सहायता प्रदान करती है।

 

बहुत ही सरल व् आसान भाषा में स्वयं सहायता समूह (जीविका) स्वयं सहायता समूह सखी क्या है? और इनके कार्यों की जानकारी दिया गया है, इसके साथ और भी जरूरी टॉपिक को आगे अपडेट की जाएगी कृपया इसे पढ़ते रहें। स्वयं सहायता समूह सखी क्या है?

शिक्षा से जुड़े हर सवालों को जबाव पाने के लिए पढ़ें इसे

 

निष्कर्ष: स्वयं सहायता समूह सखी क्या है?

उम्मीद है  की यह जानकारी आपको काफी पसंद आया होगा जिसमें जाना की स्वयं सहायता समूह सखी क्या है? समूह सखी किसे कहते हैं? इसके अलावा और भी कई जानकारी प्राप्त की इस अपने दोस्तों में शेयर जरुर करें और यह आपको कैसा लगा हमें कमेन्ट के माध्यम से जरूर बताएं।

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