
स्वयं सहायता समूह के 5 सूत्र, समूह के पंच सूत्र कौन कौन से हैं SHG Ke 5 Sutra आइए जानते हैं स्वयं सहायता के पंच सूत्र के बारे में पूरी विस्तार से
स्वयं सहायता समूह को चलाने के लिए कुछ मुख्य नियमों का पालन करना होता है जो सभी के लिए लिखित रूप से मान्य होते हैं। स्वयं सहायता समूह के कुल सूत्रों के बारे में जानकारी प्रदान करेंगे। जिसमें समूह के सदस्यों सहित उनके अधिकारियों के लिए भी मान्य होते हैं। हर समूह को नियमों का पालन कर संचालित करना होता है। जिसे समूह के सूत्र भी कहते हैं। स्वयं सहायता समूह के 5 सूत्र कौन कौन से हैं?
स्वयं सहायता समूह के 5 सूत्र
स्वयं सहायता समूह के 5 सूत्र होते हैं जिन्हें पालन करते हुए समूह का संचालन किया जाता है। स्वयं सहायता समूह का नियमित साप्ताहिक बैठक, नियमित रूप से बचत करना, आंतरिक ऋण परिचालन करना, लेन देन की वापसी और लेखा वाहियों को संयोजित करना समूह के पंच सूत्र है। इन 5 सूत्रों को पालन करते हुए समूह को संचालन किया जाता है जिसे पालन करने के लिए समूह के सदस्य और मुख्य सदस्य जैसे की सचिव, अध्यक्ष और कोषाध्यक्ष मान्य होते हैं। सभी सूत्रों को विस्तार से समझते हैं की स्वयं सहायता समूह के 5 सूत्र कौन कौन से हैं?
स्वयं सहायता समूह के 5 सूत्र कौन कौन से हैं?
1. नियमित रूप से साप्ताहिक बैठक कराना
स्वयं सहायता समूह का पहला जिम्मेदारी और कार्य यह होता है की स्वयं सहायता समूह की गठन होने के बाद नियमित रूप से सभी सदस्यों के साथ साप्ताहिक बैठक करवाना अनिवार्य होता है इस बैठक में अध्यक्ष के द्वारा सदस्यों को समूह की विकास की जानकारी और उनके जीवन यापन की जानकारी आदान प्रदान करती हैं। जिस भी महिला सदस्य की ऋण की जरूरत हो वे इस वक्त सभी सदस्यों के सम्मुख अपनी मांग को रख सकते हैं तथा वे अपनी लेन देन भी देख सकते हैं साथ में सचिव भी इस कार्य को कारण के लिए स्वतंत्र होते हैं।
2. नियमित बचत करना
समूह के सदस्य के द्वारा हर महीने या साप्ताहिक बैठक के समय वे अपनी बचत राशि समूह में जमा करवाती हैं जिसे समूह की खाते में जमा रखा जाता है। सूत्रों की अनुसार नियमित रूप से बैठक के दौरान या साप्ताहिक नियत तिथि को सदस्यों के द्वारा बचत राशि जमा कराने होते हैं।
3. ऋण उपलब्ध कराना
समूह के सदस्य की मांग पर उन्हें स्वयं सहायता समूह की ओर से स्वयं सहायता समूह ऋण भी मुहैया कराया जाता है। जिसे समूह की तरफ से उचित ब्याज दर पर ऋण सदस्यों को प्रदान करती हैं।
4. लेन देन की वापसी कराना
समूह की सूत्रों में यह भी निर्गत है की स्वयं सहायता समूह सदस्यों के द्वारा की गई लेन देन की वापसी वे खुद करें, सदस्यों को दिए गए ऋण को वापसी कराना समूह की जिम्मेवारी होती है जिसे किसी नियत तिथि पर वापसी कराया जा सकता है।
5. लेखा वाहियों को संयोजित
लेखा वाहियों को साप्ताहिक संयोजित करने की आवश्यकता होती है जिसमें बैठक की तिथि और बैठक में शामिल सदस्यों की विवरण देना होता है। लेन देन वही और ऋण वहियों को नियमित रुप से अधतन की जरूरत होती है और नियमित रूप से हिसाब किताब कर लेखा वाहियों को सुरक्षित रूप से संयोजित करना सूत्र के अंतर्गत आता है।
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निष्कर्ष: स्वयं सहायता समूह के 5 सूत्र
स्वयं सहायता समूह के 5 सूत्र के बारे में सभी जानकारियों को आपके समक्ष प्रस्तुत किया गया है जिसके मदद से सभी सूत्रों के बारे में जानकारी प्राप्त कर पाएंगे। स्वयं सहायता समूह के पंच सूत्र जिनके द्वारा समूह को संचालित किया जाता है तथा इन सूत्रों की मदद से सदस्यों को सुविधा प्रदान किया जाता है। Swaym Sahayta Samuh ke 5 Sutra क्या है? इन सभी सवालों का जवाब दिया गया है।
स्वयं सहायता समूह के 5 सूत्र से संबंधित किसी भी प्रकार की प्रश्न या सुझाव है तो हमें जरूर भेजे। हमें आपके प्रश्नों को हल करने में खुशी प्राप्त होगा।
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