
स्वयं सहायता समूह की नियमावली 2023 में जानेंगे की स्वयं सहायता समूह की कौन कौन सी नियमावली होते है। आईए जानते हैं स्वयं सहायता समूह के नियमों के बारे में Swaym Sahayata Samuh ki Niyamavali
स्वयं सहायता समूह की नियमावली का अर्थ होता है स्वयं सहायता समूह का नियम जो उन्हें सही ढंग से संचालित करने के लिए बहुत ही जरूरी है स्वयं सहायता समूह को संचालन हेतु कुछ नियमावलियों का बनाया गया है जिसे पालन करते हुए स्वयं सहायता समूह को संचालन किया जा सकता है। आइए जानते हैं आखिर वह कौन से हैं स्वयं सहायता समूह की नियमावली क्या हैं?
स्वयं सहायता समूह की नियमावली
स्वयं सहायता समूह की नियमावली का अर्थ होता है समूह को संचालन करने का नियम और तरीके सभी स्वयं सहायता समूह को संचालन करने हेतु नियमों का बनाया गया है जिसे पालन करते हुए स्वयं सहायता समूह को संचालित किया जाएगा। नियमित रूप से स्वयं सहायता समूह का संचालन, मासिक और साप्ताहिक बचत जमा हो, सदस्यों को ऋण उपलब्ध कराना, समूह का लेखा जोखा रखना, साप्ताहिक बैठक, ऋण और लेन देन की हिसाब रखना, खतावही या रजिस्टर को नियमित रूप से मेंटेन करना इतने सारे स्वयं सहायता समूह के नियमावली है। स्वयं सहायता समूह के इससे ज्यादा भी नियमावली है जिसकी जानकारी निम्नलिखित है।
1. नियमित रूप से संचालन
स्वयं सहायता समूह का गठन के बाद कम से कम 6 महीने तक नियमित रूप से संचालित करना अनिवार्य होता है उसके बाद ही इसे रद्द या समाप्त किया जा सकता है।
2. साप्ताहिक बचत जमा होना चाहिए
स्वयं सहायता समूह के मुख्य नियमावली में से एक यह है की सदस्यों के द्वारा साप्ताहिक या मासिक बचत नियमित रूप से जमा होना चाहिए।
3. सदस्यों को ऋण उपलब्ध कराना होगा
स्वयं सहायता समूह के द्वारा जरूरत मंद सदस्यों को ऋण उपलब्ध कराने होंगे और दीए गए ऋण की अध्यन करना सुनिश्चित करने होगें।
4. खाते का लेखा जोखा नियमित रूप से हो
स्वयं सहायता समूह के सदस्यों का पदाधिकारियों के द्वारा हिसाब किताब सहित लेखा जोखा को संरक्षित और सुनिश्चित करने होंगे।
5. लेन देन की विवरणी बनाएं
सदस्यों के द्वारा लेन देन यानी की ऋण और बचत राशि की लेन देन की पूरी विवरण रजिस्टर में अंकित होने चाहिए। जिससे भविष्य में होने वाले लेन देन का पूरा हिसाब स्वयं सहायता समूह के पास मौजूद हो।
6. बैठक ब्यौरा रखना
स्वयं सहायता समूह के द्वारा कराएं जाने वाले साप्ताहिक और मंथली बैठक की पूरी विवरण सहित बैठक में सामिल सदस्यों की विवरण और उनके हस्ताक्षर बैठक रजिस्टर में लिखने होगें।
7. सदस्यों की बातों सुनना
सिर्फ स्वयं सहायता समूह को चलाने के लिए ऋण और बचत से ही मतलब नहीं होता है साप्ताहिक बैठक के दौरान हर एक सदस्यों की बातों को ध्यान से सुनने होगें साथ ही उनके परेशानी और उचित सुझाव को पालन भी करने होंगे।
8. बैंकिंग सुविधा और सहायता प्रदान करना
स्वयं सहायता समूह के अध्यक्ष और सचिव को सदस्यों की बैंकिंग सुविधा के साथ सहायता प्रदान करने होगें जैसे की बैंक से ऋण लेते समय सारी शर्तों को ध्यान से समझ कर सदस्य को समझाना यह भी एक जिम्मेवारी होती है। इसके आलावा नए सदस्यों को बैंकिंग सुविधाओं सहित उन्हें नए खाते खुलवाने और लेन देन में मदद करने होते हैं।
9. सदस्यों को रोजगार प्रदान करना
स्वयं सहायता समूह के पदाधिकारियों के द्वारा संचालित स्वयं सहायता समूह के सदस्य को रोजगार संबंधित जानकारी प्रदान कराकर उन्हें रोजगार उपलब्ध कराया जाता है।
10. सदस्यों को नौकरी प्रदान करना
स्वयं सहायता समूह के द्वारा कई तरह की नौकरियां दिया जाता है नई नौकरी या रिक्त पदों की जानकारी सदस्यों को देकर इच्छुक और नौकरी के पात्र महिला को नौकरी दिलवाने में पूरी सहायता करना भी नियमावली के अंदर आता है।
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निष्कर्ष: स्वयं सहायता समूह की नियमावली
स्वयं सहायता समूह की नियमावली जिसे आसान शब्दों में स्वयं सहायता समूह की नियम भी कहां जा सकता है। समूह की संचालन हेतु कुछ नियमों को बनाया गया है जिसे पालन करते हुए सदस्यों को समूह की संचालन करने में अपनी योग्यदान देने होते हैं जिनमें कर्तव्य और हक दोनों शामिल हैं। स्वयं सहायता समूह के द्वारा कई तरह की सुविधाएं सदस्यों को प्रदान किए जाते हैं जो इनके नियमावली में शामिल होते हैं। आपने जाना की कौन कौन सी स्वयं सहायता समूह की नियमावली होते हैं।
स्वयं सहायता समूह की नियमावली से संबंधित किसी भी तरह की प्रश्न या सुझाव है तो हमें कमेंट के माध्यम से जान सकते हैं। हमारे द्वारा आपके प्रश्नों को जानने की उत्सुकता बनी रहती है।
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